जीवन की सच्चाई | Reality Of Life

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 जीवन की सच्चाई,

 एक आदमी की चार ✌️✌️ पत्नियाँ थी

वह अपनी चौथी ✌️✌️ पत्नी से बहुत प्यार heartheartheart करता था और

उसकी खूब देख भर करता और श्रेष्टता भी देता था।

वह अपनी ✌️☝️ तीसरी पत्नी से भू बहुत प्यार करता था और

 हमेशा अपने सभी मित्रो को दिखाना चाहता था।

हालाँकि उसे डर था की वह कभी भी किसी

दूसरे इन्सान के साथ भाग सकती है।

 

वह अपनी दूसरी ✌️ पत्नी से भी प्यार करता था।जब

भी उसे कोई परेशानी आती तब वह अपनी दूसरी नंबर

की पत्नी के पास जाता और वह उसकी समस्या

सुलझा देती।

 

 वह अपनी दूसरी ☝️ पत्नी से प्यार नहीं करता था।

जबकी उसकी पत्नी उससे बहुत गहरा प्यार करती थी

और उसकी बहुत देखभाल किया करती थी।

 

एक दिन जब वह बहुत बीमार पड़ गया और जानता था

की अब वह जल्दी ही मर जायेगा उसने अपने आप से

कहा ,-"की मेरी चार पत्निया है, और उनमे से मैं एक को ले जाना चाहता हूँ …..

जब मैं मरू, तो मरने में मेरा साथ दे। "

 

तब उसने अपनी चौथी पत्नी से कहा

तो वह बोली ,"नहीं ,ऐसा बोली ऐसा तो हो ही नहीं सकता। "

और चली गयी।

 

उसने तीसरी पत्नी से पूंछा तो वह बोली की

"नहीं ,जिंदगी बहुत अच्छी है यहाँ जब तुम मर जाओगे,

तो मैं दूसरी शादी कर लुंगी

 

दूसरी पत्नी से कहा तो वह बोली ,"माफ़ कर दो

 मैं इस बार तुम्हारी कोई मदद नहीं कर सकती।

ज्यादा से ज्यादा मैं तुम्हारे दफ़नाने तक तुम्हारे साथ

 रह सकती हूँ।"

 

तब तक उसका दिल बैठ सा गया और ठंडा पड़

गया तब एक आवाज आयी , "मैं तुम्हारे साथ चलने

को तैयार हूँ ,तुम जहाँ जाओगे मैं तुम्हारे साथ चलूँगी"

 

उस आदमी ने जब देखा तो वह उसकी पहली

पत्नी थी। वह बहुत बीमार सी हो गई थी ,

खाने - पीने के आभाव में

 

वह आदमी पश्चाताप के आंसुओ के साथ बोला ,

"मुझे तुम्हारी अच्छी देखभाल करनी चाहिए थी

और मैं कर सकता था।

 

दरअसल हम सब की चार पत्निया है जीवन में।

 

(1) चौथी पत्नी हमारा शरीर है।

जिसे हम चाहे जितना सजा ले संवार ले जब हम

 मरेंगे तो यह हमारा साथ छोड़ देगा।

 

(2) तीसरी पत्नी है हमारा रुतबा और जमा पूंजी।

जब हम मरेंगे तो यह दूसरे के पास चली जाएगी।

 

(3) दूसरी पत्नी है हमारे दोस्त और रिश्तेदार।चाहे वे

 कितने ही करीबी क्यों हो, हमारे जीवन काल में

मरने के बाद हद से हद हमारे अंतिम संस्कार

तक ही साथ रहते है।

 

(4) पहली पत्नी हमारी आत्मा है जो सांसारिक

मोह - माया में हमेशा उपेक्षित रहती है।

 

यही वह चीज है जो हमारे साथ रहती है जहाँ भी

हम जाये …..कुछ देना है तो इसे दे दो …..देखभाल

करनी है तो इसकी करो …...प्यार करना है तो इससे

करो …..

मिली थी जिंदगी

किसी के काम आने की लिए……

पर वक्त बीत रहा है

कागज के टुकड़े कमाने के लिए……

किया करोगे इतने पैसे कमा कर…..?

तो कफ़न में जेब है,,,, और ही कब्र में अलमारी ……

और ये मौत के फरिस्ते तो

'रिश्वत' भी नहीं लेते …..

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Article Posted By: Manju Kumari

Work Profile: Hindi Content Writer

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1 Answer

It is realy Nice article thanks for sharing. Keep sharing information.

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