ससुराल में मेरी नन्द का राज चलता था |

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राधिका दीदी का पाषाण दिल आखिर पिघल ही गया - सरोज जब शादी करके अपने ससुराल आयी तो उसने देखा की उसकी ससुराल में उसकी नन्द का ही राज चलता है और घर के सभी लोग उसकी सब बात मानते है। घर का कोई भी सदस्य उनके सामने किसी भी प्रकार की बहस भी नहीं करता था। मैंने अपने पाती से बात करने की कोशिश भी की पर उन्होंने कहा की "जो बोले वो काम कर दो बाकि कुछ कहने की जरुरत नहीं है।अगर वह गलत भी कहे तो है कर देन। " मुझे यह समझ नहीं आता आखिर किया बात है सब उनसे डरता क्यों है।

जब वह रूत जाती थी तो सास - ससुर भी उनकी सब बातो को मान लेते थे। वह जॉब करती रही मई सोचती थी की ये ऑफिस में कैसे काम करती होगी। पता नहीं कैसे सब इन्हे सहन करते होंगे। मुझे तो वह पत्थर दिल लगती थी। और मुझसे तो ज्यादा बात भी नहीं करती थी। उनका एक रूटीन बना हुआ था। उसमे कोई हस्तक्षेप भी नहीं करता था। वे सुबह उठकर घूमने जाती थी और आठ बजे उन्हें नाश्ता चाहिए था पेपर के साथ चाय - नाश्ता करने के बाद वह दस बजे ऑफिस जाती थी।

 

चार बजे ऑफिस से वापस आती थी और आराम कुर्सी पर बैठकर आराम करती थी। शाम को फिर टहलने जाती थी और नो बजे सो जाती थी उनका पूरा रूटीन बना हुआ था। सब काम रूटीन बना हुआ था मगर घर का कोई काम भी नहीं करती थी। मैंने कई बार कोशिश की बात की जानने की मगर कोई कुछ बी बताता भी नहीं था और अब तो मज्झे बहुत ही सख्त दिल लगने लगी थी। और अब तो मुझे उनसे नफरत सी होने लगी थी। एक दिन घर पर कोई नहीं था मेरी मोसिया सास आयी थी।

जब मैंने उनसे राधिका दीदी के बारे में उनसे पूछा तो उन्होंने मुझे साडी बात बता दी की पहले वह ऐसी बिलकुल नहीं थी बहुत ही अच्छी लड़की है वे बहुत ही मिलनसार थी सबसे खूब बोलती और सारे दिन खिलखिलाती रहती थी लेकिन जब उनकी सदी हुई तब भी वह बहुत खुश थी उनके ससुराल वाले उनकी बात मानते और उनका बहुत ही मान करते थे। लेकिन जब उन्हें दो साल तक बच्चे नहीं हुए तो ससुराल वालो ने डॉक्टर से जांच भी कराई। तो पता चला की उनके गर्भाशय में बीमारी है तो उन्होंने दीदी को छोड़ दिया और तलाक भी दे दिया।

 

उस समय उनका दिल ही टूट गया और उनका असहनीय दर्द सहना पड़ा और जब से ही वह ऐसी हो गयी है। एक मिलान सार राधिका की जगह एक रुखड़ राधिका ने ले ली है। सभी घर में उनसे बहुत प्यार करे है। इसीलिए सभी उनकी सभी बात मानते है और आकाश भी उससे बहुत प्यार करता है वह इसीलिए तुमसे चुप रहने को कहा था। जॉब भी वे ऐसी लिए करती है की कोई उन्हें बेचारी न कह पाए। मगर उसके इस रुखड़ व्यवहार के लिए किसी को समझ ही नहीं आ रहा की वह क्या करे जिससे उनकी पहले वाली मिलनसार राधिका वापस आ जाये। वह अंदर से बहुत ही मासूम है।

जब मैंने यह सब बाटे सुनी तो मेरे मन में दीदी के लिए बहुत ही सम्मान और आ गया और अब मुझे दीदी में एक स्वाभिमानी दीदी नजर आने लगी। अब जब आकाश वापस आये तो मैंने उन्हें सब बताया की मौसी ने मुझे सब कुछ बता दिया है। ऐसी बीच बात करते करते आकाश की आँखों में आसु आ गए और मैं समझ गयी की वे अपनी बहन से बहुत प्यार करते है। मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा की क्या करु जो की उनके व्यवहार में कुछ नरमी जाये।

 

अब मैं उनसे ज्यादा से ज्यादा बात करने लगी पहले तो मैं उन्हें पसंद नहीं करती थी। वे ज्यादा बात नहीं करती थी लेकिन मैं ही उनसे कुछ न कुछ पूछने लगी दीदी भी मेरी बातो का जबाब में कभी हां तो कभी ना में ही जबाबी देती बस।वे ज्यादा सजती -सवरती भी नहीं थी बस बिलकुल ही सदा ही रहती थी। मैं जब भी उनसे बजा रया बहार जाने को कहती तो वे चुप चाप से मना कर देती। अब मुझे समझ नहीं आ रहा था की मैं क्या करु।  ऐसी बीच मुझे पता चला की मैं गर्भवती हूँ।  घर में सभी मेरा बहुत ध्यान रखने लगे।

 

मगर राधिका दीदी मुझसे दूर -दूर रहती थी। एक बार की बात है की घर में सभी बैठकर बातें कर रहे थे।  आकाश कह रहे थे की मुझे बेटा चाहिए और  मां और पापा बातें कर रहे थे ऐसी बीच मैंने कहा की मुझे राधिका दीदी जैसी एक बेटी चाहिए। और उनकी तरफ देखा। वे कुछ न बोली और उनके चेहरे पर भाव रहे थे और वे चुप - चाप उठकर कमरे में चली गयी। अब मैं समझ गयी की मैं प्ले वाली दीदी को कैसे ला सकती हूँ। कुछ दिन बाद वह समय आ गया की जब मुझे नो महीने बाद एक प्यारी सी बेटी ही हुई।

 

घर में सभी लोग बहुत खुश हुए और राधिका दीदी भी मुझे देखने हॉस्पिटल में आयी। उन्होंने कहा कुछ भी नहीं और बिटिया को देखकर जाने लगी। मैंने उनका हाथ पकड़ लिया और कहा की " दीदी यह नहीं चलेगा। यह आपकी बिटिया है ये मैं तुम्हे देती हूँ।" इतना कहकर मैंने दीदी के हाथ में अपनी गुड़िया को दे दिया अब क्या था दीदी रोने लगी उनका सारा दुःख आँसू बन कर उनकी आखो से निकल गया और अब वे पहले वाली राधिका दीदी बन गयी थी। और उनका रूखापन भी चला गया। अब आकाश गर्व भरे आखो से मेरी तरफ देखने लगे | उसकी राधिका दीदी बहुत खुश हुई और बच्चे को तुरंत गोद में ले लिया।  

     

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Article Posted By: Manju Kumari

Work Profile: Hindi Content Writer

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