महादेव ने क्यों चुनी नंदी की ही सवारी? जानें मंदिर के बाहर पहले क्यों होते हैं इनके दर्शन |

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महादेव ने क्यों चुनी नंदी की ही सवारी? जानें मंदिर के बाहर पहले क्यों होते हैं इनके दर्शन - नंदी को भक्ति और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। जो भी कोई भगवान् भोले नाथ से मिलना चाहता है नंदी पहले उसकी भक्ति की परीक्षा लेते है। भगवान् शिव के प्रति भक्ति और समर्पण की वजह से ही कलयुग में भी भगवान् शिव के साथ नंदी की भी पूजा की जाती है। नंदी को भगवान् शिव का वाहन भी माना जाता है।नंदी को भगवान् शिव का द्वारपाल भी कहा जाता है। मान्यता है की भगवान् शिव तक अपनी श्रद्धा पहुंचने के लिए पहले नंदी को प्रसन्न किया जाता है। नंदी को बुद्धि और ज्ञान का प्रतीक भी माना गया है। भगवान् शिव केमंदिर के बहार नंदी ही विराजमान रहते है।

भगवान् शिव केसबसे बड़ा भक्त है नंदी। - असुरो और देवताओ ने जब समुद्र मंथन किया था उसी समय जो विष निकला था उस विष से पुरे संसार को बचने के लिए भगवान् शिव ने पुरे विष को पी कर अपने कंठ में धारण किया। उसी विष को पीते समय जो विष पृथ्वी पर गिरा उसे नंदी ने अपनी जीभ से साफ़ किया था। नंदी के ऐसी समर्पण भाव को देखकर भगवान् शिव बहुत ही प्रसन्न हुए थे और फिर नंदी को अपने सबसे बड़े भक्त की उपाधि दे दी थी।

भगवान् शिव ने नंदी को अपना वाहन क्यों चुना ? - भगवान् शिव ने कहा मेरी सभी ताकते नंदी की भी है ,अगर पार्वती की सुरक्षा मेरे साथ है तो वो नंदी के साथ भी है। बैल को भी भोला माना जाता है और बहुत काम भी करता है। वैसे ही भगवान् शंकर भी भोले , कर्मठ और काफी जटिल माने जाते है। कहा जाता है की इसीलिए भगवान् शिव ने नंदी बैल को ही अपने वाहन के रूप में चुना। नंदी की भक्ति की ही शक्ति है की भोले भंडारी ना केवल उनपर सवार होकर तीनों लोको की यात्रा करते है बल्कि बिना नंदी के भगवान् शिव कहीं नहीं जाते है।

नंदी की महिमा - नंदी को भक्ति और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। जो भी कोई भगवान् भोले नाथ से मिलना चाहता है नंदी पहले उसकी भक्ति की परीक्षा लेते है। और उसके बाद ही शिव कृपा के मार्ग खुलते है। भोले नाथ के दर्शन करने के पहले नंदी के कान में अपनी मनोकामना कहने की बहुत पुरानी परम्परा है। भगवान् शिव के प्रति नंदी की भक्ति और समर्पण की वजह से ही दो का साथ इतना मजबूत माना जाता है इसीलिए कलयुग में भी भगवान् शिव की और नंदी की पूजा एक साथ ही की जाती है। हर शिव मंदिर में शिव के दर्शन से पहले नंदी के दर्शन होते है। 

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Article Posted By: Manju Kumari

Work Profile: Hindi Content Writer

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